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फ़रवरी, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

hello friends,aaj ek saal pura hua he mere blog ko,please wish for me.thanks

रंगों की मस्ती, फूलों की बहार; बसंत की पतंग उड़ने को बेक़रार; थोड़ी सी गर्मी, हलकी सी फुहार; बहार का मौसम आने को तैयार; मुबारक हो आपको बसंत पंचमी का त्यौहार! बसंत पंचमी की शुभकामनाएं!

Lokendra Kumbhkar मोदी’ न लिखूं तो क्या लिखूं.....? अब आप ही बता दो मैं इस जलती कलम से क्या लिखूं ?? कोयले की खान लिखूं या मनमोहन बेईमान लिखूं ? पप्पू पर जोक लिखूं या मुल्ला मुलायम लिखूं ? सी.बी.आई. बदनाम लिखूं या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ? शीला की विदाई लिखूं या लालू की रिहाई लिखूं ‘आप’ की रामलीला लिखूं या कांग्रेस का प्यार लिखूं भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ या प्रशासन बेकार लिखू ? महँगाई की मार लिखूं या गरीबो का बुरा हाल लिखू ? भूखा इन्सान लिखूं या बिकता ईमान लिखूं ? आत्महत्या करता किसान लिखूँ या शीश कटे जवान लिखूं ? विधवा का विलाप लिखूँ , या अबला का चीत्कार लिखू ? दिग्गी का 'टंच माल' लिखूं या करप्शन विकराल लिखूँ ? अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखू, या सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू? दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ? गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ? जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं या बीस दलो की लंगड़ी सरकार लिखूँ ? नेताओं का महंगा आहार लिखूं या 5 रुपये का थाल लिखूं ? लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं या पी.एम्. की कुर्सी पे मोदी का नाम लिखूं ? अब आप ही बता दो मैं इस जलती कलम से क्या लिखूं""??

रात का वक़्त था. बाहर बड़ी ठंड थी. पति पत्नी कार में जा रहे थे. सड़क किनारे पेड़ के नीचे पतली पुरानी फटी चिथड़ में लिपटे एक बूढ़े भिखारी को देख पत्नी का दिल द्रवित हो गया. उसने पति से कहा कि वह बूढ़ा ठंड से काँप रहा है,कार रोको. पति ने कार रोक दी. पत्नी बोली कार में जो कंबल पड़ा है उसे दें देते हैं. पति बोला-"क्या कहती हो. इतना मंहगा कंबल,वह उसे बेच देगा. ये ऐसे ही होते हैं". पत्नी न मानी. अनमने मन से पति नें कंबल उठाया और ले जाकर बूढ़े को ओढ़ा दिया-"ले बाबा ऐश कर" . अगले दिन दिन में भी बड़े ग़ज़ब की ठंड थी. पति पत्नी उसी रास्ते से निकले. सोचा देखें रात वाले बूढ़े का क्या हाल है. देखा तो बूढ़े भिखारी के पास वह कंबल नहीं था. अपनी वही पुरानी चादर ओढ़े भीख मांग रहा था. पति ने पत्नी से कहा -"मैंने कहा था कि उसे मत दो बेच दिया होगा". दोनों कार से उतर कर उसके पास गये. पति ने व्यंग्य से पूछा- "बाबा रात वाला कंबल कहाँ हैं बेच कर नशे का सामान ले आये क्या ? बूढ़े ने हाथ से इशारा किया थोड़ी दूरी पर एक बूढ़ी औरत भीख मांग रही थी. उनका दिया वही कंबल उसने ओढ़ा हुआ था. बूढ़ा बोला-"वह औरत पैरों से विकलांग है, मेरे पास तो कम से कम ये पुरानी चादर तो है, उसके पास कुछ नहीं था तो मैंने कंबल उसे दें दिया " पति पत्नी हतप्रभ रह गये, फिर धीरे से पति नें पत्नी से कहा-"घर से एक कंबल लाकर बूढ़े को दे देते हैं"