मौत की मर्यादा
मौत की मर्यादा
दोसतो जब से whatsap आया है एक घटीया फेशन चल पडी है की कही भी एक्सीडेंट होता है तो आज के पढे लिखे और अपने आप को समझदार मानने वाले लोग एक्सीडेंट में मारे गये बदनसीब लोगो की तस्वीरे खिंच के जल्दी से जल्दी दोस्तों को भेजते हैं।
दोस्तों एक्सीडेंट हैं यह कोई फोटो सेशन नही है। यह मनोरंजन का वक्त नही है.......यह तो किसी माँ की ऊजड़ी हूई ममता है......तो किसी का टुटा हूआ सुहाग है....तो कोई बहन का खोया हूआ प्यार है।
और दोस्तों जींदगी की तरह मौत की भी एक मर्यादा होती है। और कुछ लोग तो मारी गई माँ बहनो की बीना कपड़ों की तस्वीरे भेजते है.....तब तो लगता है की हम इंसान है ही नही। अरे दोस्तों वो औरत या बेटी भी कीसी के घर की आबरु है।
दोस्तों मनोरंजन के लिए और बहुत कुछ है........मौत को तो छोड दो......
बुजुर्गो ने सिखाया है लाश देखो तो उस पर कफन डाल दो.......लाश को whatsap पे नही......
जींदा का मान रखो न रखो ....मुर्दो का जरूर रखो ..
बूरा लगे माफ करना.....अच्छा लगे shaer करना...।
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