ध्यान रखें...

यह हमेशा ध्यान रखे

1) 🤑🌶🍒 *निम्बू-मिर्च* खाने के लिये है.. कही *टाँगने* के लिए नहीं है....

2) 😱🐈 *बिल्लियाँ* पालतू जानवर है, बिल्ली के *रास्ता काटने* से कुछ गलत नहीं होता.. बल्कि चूहों से होनेवाले नुक्सान को बचाया जा सकता है.....
.
3) 🗣💨 *छिंकना* एक नैसर्गिक क्रिया है , छींकने से कुछ *अनहोनी* नहीं होती ना हि किसी काम में बाधा आती है- छींकने से शरीर की *सुप्त पेशियां* सक्रीय हो जाती है...

4) 💀🌳 *भुत* पेड़ों पर नहीं रहते - पेड़ों पर *पक्षी*रहते है.....

5) 🔬🔭 *चमत्कार* जैसी कोई चीज नहीं होती - हर घटना के पिछे *वैज्ञानिक* कारण होता है.....

6) ⛄☃ *भोपा, बाबा* जैसे लोग *झुठे* होते है- जिन्हें *शारारिक मेहनत* नहीं करनी ये वही लोग है.....

7) ⛈🌪👺🔥 *जादू टोणा*, या *किसीने कराया* ऐसा कुछ नहीं होता, ये दुर्बल लोगोंके *मानसिक वीकार* है....
जादू-टोणा करके आपके ग्रहो की दिशा बदलने वाले बाबा, हवा और मेघोंकी दिशा बदलकर बारिश नहीं ला सकते...?⛈☁🌒💫

8 ) 🌏🐠 *वास्तुशास्त्र* भ्रामक है. सिर्फ दिशाओ का *डर* दिखाकर लूट...
वास्तविक तो पृथ्वी ही खुद हर क्षण *अपनी दिशा* बदलती है....  अगर *कुबेरजी* उत्तर दिशा में है तो एक ही स्थान या दिशा में *अमीर* और *गरीब* दोनों क्यों पाये जाते है?..... .

9) 👼🐓🐐🍇🍎 *मन्नत,पूजा, बलि, टिप* या *चढ़ावे* से भगवान प्रसन्न होकर *फल* देते है, तो क्या भगवान् *रिश्वतखोर* है?.....    आध्यात्म *मोक्ष* के लिए है, *धन* कमाने के लिए नहीं.....

10) 👆🏼 ये जो *पढ़* रहे हो इसका अनुकरण करे, और अपने *मित्रों* को भी send करे...
11)👆🏻ज्योतिषाचार्य,ज्योतिष सम्राट, की उपाधि लगाने वालों को भी कर्म सत्ता के आगे घुटने टेकने पड़ते हैं।

यह मेसैज दूसरे ग्रुप पर भेजने से कोई *खुश खबर* नहीं मिलेगी... पर अपने मित्र *महेनत*और *कर्म* का महत्त्व जरूर जान सकेंगे... 🙏🏽

*आत्मा को पहचानने से मोक्ष निश्चित रूप से मिलेगा*

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माँ का दर्द... "मनुष्य का शरीर सिर्फ 45 del (यूनिट) तक का ही दर्द सहन कर सकता है । पर बच्चे को जन्म देते समय एक माँ को 57 del (यूनिट) तक का दर्द होता है ।" यह 20 हड्डियों के एक साथ टूटने के बराबर है । जिसने आपके लिये इतना दर्द सहा हो, उसके दिल को कभी दर्द मत देना मित्रो.! .Agree frnds.???

बीवी और साली

पापा मुझे चोट लग गई..

रात का वक़्त था. बाहर बड़ी ठंड थी. पति पत्नी कार में जा रहे थे. सड़क किनारे पेड़ के नीचे पतली पुरानी फटी चिथड़ में लिपटे एक बूढ़े भिखारी को देख पत्नी का दिल द्रवित हो गया. उसने पति से कहा कि वह बूढ़ा ठंड से काँप रहा है,कार रोको. पति ने कार रोक दी. पत्नी बोली कार में जो कंबल पड़ा है उसे दें देते हैं. पति बोला-"क्या कहती हो. इतना मंहगा कंबल,वह उसे बेच देगा. ये ऐसे ही होते हैं". पत्नी न मानी. अनमने मन से पति नें कंबल उठाया और ले जाकर बूढ़े को ओढ़ा दिया-"ले बाबा ऐश कर" . अगले दिन दिन में भी बड़े ग़ज़ब की ठंड थी. पति पत्नी उसी रास्ते से निकले. सोचा देखें रात वाले बूढ़े का क्या हाल है. देखा तो बूढ़े भिखारी के पास वह कंबल नहीं था. अपनी वही पुरानी चादर ओढ़े भीख मांग रहा था. पति ने पत्नी से कहा -"मैंने कहा था कि उसे मत दो बेच दिया होगा". दोनों कार से उतर कर उसके पास गये. पति ने व्यंग्य से पूछा- "बाबा रात वाला कंबल कहाँ हैं बेच कर नशे का सामान ले आये क्या ? बूढ़े ने हाथ से इशारा किया थोड़ी दूरी पर एक बूढ़ी औरत भीख मांग रही थी. उनका दिया वही कंबल उसने ओढ़ा हुआ था. बूढ़ा बोला-"वह औरत पैरों से विकलांग है, मेरे पास तो कम से कम ये पुरानी चादर तो है, उसके पास कुछ नहीं था तो मैंने कंबल उसे दें दिया " पति पत्नी हतप्रभ रह गये, फिर धीरे से पति नें पत्नी से कहा-"घर से एक कंबल लाकर बूढ़े को दे देते हैं"

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